पितृदोष से नुकसान
- घर से सुख शांति चले जाना
- बरकत समाप्त हो जाना
- आत्महत्या के विचार आना
- भूत-प्रेत अथवा पूर्वजों का शरीर में आना
- घर में किसी जवान पुरुष अथवा स्त्री की दुर्घटना अथवा अकाल मृत्यु होना
- कार्यों में रुकावट आना
- सपने में पूर्वज अथवा सांपों के दर्शन होना
- वंश का आगे ना बढ़ना
- अमावस्याए चौदसए पूर्णिमा अथवा त्यौहार पर भी घर में झगड़े होना
- रो - रोकर जिंदगी गुजारना अर्थात जीवन में सुख का ना होना
पितृ दोष के कारण :
पितृ दोष आखिर क्यों होता हैए इसके कारण निम्नलिखित हैं -
- हम पूर्वजों का श्राद्ध या तर्पण समय.समय पर नहीं कर पाते हैं।
- यदि हम पूर्वजों को भूल जाते हैं और केवल देवी देवताओं की ही पूजा पाठ करते हैं।
- यदि हम पूर्वजों को बुरा भला कहते हैं अथवा उनका अपमान करते हैं।
- शास्त्रों के अनुसार यदि हम जीवन नहीं जीते हैं एवं पुण्य से ज्यादा पाप कर्म करते हैं।
- यदि जाने अनजाने में गौ हत्या का पाप हमारे द्वारा हो जाता है।
- हम अपने कुल की देवी अथवा कुल के देवता को भूल जाते हैं।
- किसी धार्मिक स्थान अथवा मंदिर में पाप कर्म हमारे द्वारा हो जाता है।
- यदि हम अमावस्या तिथि को संभोग करते हैं।
- यदि हम वैश्यागमन करते हैं।
- घर की स्त्रियाँ यदि चरित्रहीन हो जाती है एवं पाप कर्म में लिप्त हो जाती है।
- यदि हमारे द्वारा भ्रूण हत्या या गर्भपात करवाया जाता है।
श्राद्ध एवं पितृशांति का महत्व
शास्त्रों में आता है इस संसार में श्राद्ध से बढ़कर और कोई कल्याणकारी कर्म नहीं होता है।
अतः प्रयन्त पूर्वक श्राद्ध करते रहना चाहिए। श्राद्ध से केवल अपनी पितरों की ही तृप्ति नहीं होती
अपितु जिस प्रकार विधि पूर्वक अपने धन के अनुरूप व्यक्ति श्राद्ध करता है वह ब्रह्मा से लेकर
घास तक समस्त प्राणियों को संतुष्ट कर देता है। यहाँ तक लिखा है कि जो शांत होकर विधि
पूर्वक श्राद्ध करता है वह संपूर्ण पापों से मुक्त होकर जन्म मरण के बंधन से छूट जाता है।
कालसर्प योग क्या होता है?
पितृदोष की शांति के लिए गुप्त मंत्रो के जाप करवाने से लाभ:
- घर के झगड़े समाप्त होकर घर में सुख शांति रहती है।
- धीरे-धीरे सभी रास्ते खुल जाते हैं और कार्यों में रुकावटें दूर होती है।
- घर में सभी सदस्यों में एकता बढ़ती है तथा प्रेम बढ़ता है।
- घर के सभी सदस्यों की उन्नति के रास्ते खुल जाते हैं।
- धीरे-धीरे घर में बरकत आ जाती है और पैसा टिकने लगता है।
- कर्ज समाप्त होकर धन संपत्तिमें वृद्धि होती है।
- अकाल मृत्यु नहीं होती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- पितरों की आत्मा की शांति होती है और वे प्रसन्न होते हैं।
- शरीर में भूत प्रेत का आना बंद हो जाता है।
- घर के सभी सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।